अगर किसी उत्पाद को झूठ बोलकर बेचा जाए तो उसका असर थोड़े समय बाद जरूर दिखता है। कुछ ऐसा ही हुआ इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ। लेकिन 10 साल में अब बहुत कुछ बदल चुका है और जो कंपनियां धैर्य रख पाईं वो आज भी इलेक्ट्रिक वाहन बना रही हैं व भविष्य से आस लगाए बैठी हैं। 2018 के ऑटो एक्सपो में ढेर सारे इलेक्ट्रिक वाहनों के कांसेप्ट ने ये साबित कर दिया है कि आने वाला समय इनका ही है। आखिर क्या वजहें रहीं जिनसे इलेक्ट्रिक वाहन इंडस्ट्री की नींव हिल गई थी इस बारे में हमने विस्तार से बातचीत की सोसाइटी ऑफ मैन्यूफैक्चर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल के डायरेक्टर कारपोरेट अफेयर्स सोहिंदर गिल से। सोहिंदर इसके अलावा हीरो ईको के सीईओ ग्लोबल बिजनेस भी हैं।
लंबा सोचना पड़ेगा
अगर आप चाहते हैं कि आज इलेक्ट्रिक वाहन बनाना शुरू करें व कल सफल हो जाएं तो ऐसा संभव नहीं है। आपको धैर्य रखना पड़ेगा। इंडस्ट्री बदल रही है वक्त बदल रहा है सोच बदल रही है और लोगों ने ग्रीन एनवायरनमेंट की पुख्ता वकालत शुरू कर दी है। हमें जब लगा कि हम अकेले सफल नहीं हो सकते तब हमने सरकार के साथ मिलकर चलने का सोचा और आज हम काफी सफलता पूर्वक इलेक्ट्रिक वाहनों पर का काम कर रहे हैं।
शुरू में हुई थी कुछ गलतियां
जब इलेक्ट्रिक स्कूटर बनने शुरू हुए थे तो उस समय अच्छी सेल्स के लिए कुछ डीलरों ने गलत तरीके से ई स्कूटर को पेश किया जिसे बाद में वो ग्राहक के साथ निभा नहीं पाए औेर परिणामस्वरूप ढेर सारी कंपनियां ई स्कूटर बनाने वाली बंद हो गईं। हमें जब ये बात पता चली तो हमने उन डीलर्स पर कड़ी कार्रवाई की जो स्कूटर के बारे में वो चीजें बता रहे थे संभव नहीं था। बाहर से लाई गई बैट्रियों के लिए यहां पर चल पाना उतना आसान नहीं था। ये बैट्रियां डलवाने के लिए दोबारा जब ग्राहक डीलरशिप पर गया तो उसने खुद को छला हुआ पाया। इसका खामियाजा इंडस्ट्री ने भुगता।
बैट्री ने बहुत कुछ बदला
पहले की बैट्री बहुत वजनी होती थी जैसे कि 35 किलो चालीस किलो। लेकिन अब लिथियम आयन सिर्फ 8 किलो की है। ये बैट्री अच्छी है व इसकी उम्र भी बढ़िया है। ई-स्कूटर अब 80 किलोमीटर की रफतार तक दौड़ सकते हैं। लेकिन अभी ऐसे स्कूटर लोगों की रेंज से लगभग 20 से 25 हजार रुपये दूर हैं अगर किसी सामान्य पेट्रोल से इसकी तुलना की जाए।
सरकार का समर्थन चाहिए
अब सरकार हमें समर्थन चाहिए अगर वो लोगों को महंगे पड़ रहे इस स्कूटर पर सिर्फ कुछ सालों के लिए सब्सिडी दे दे तो एक बड़ा अवेयरनेस क्रिएट किया जा सकता है। हम अपना काम कर रहे हैं लेकिन हमें मदद चाहिए होगी अब ई स्कूटर ईजी हो गए हैं और एक चार्ज में दूर तक जाते हैं। हो सकता है चार पहिया गाड़ियों को इलेक्ट्र्रिक करने में थोड़ा वक्त लगे लेकिन दुपहिया वाहनों पर ये जल्दी से हो सकता है क्योंकि इनकी बैट्री को आराम से उठाकर आप घर के अंदर ले जाकर भी चार्ज कर सकते हैं।