बेहद लग्जरी अंदाज में मर्सिडीज बेंज इंडिया ने एस क्लास के मिड लाइफ फेसलिफ्ट को पेश किया। मीडिया ड्राइव में एस क्लास को जिस तरह से कंपनी ने प्रस्तुत किया उससे इस कार की हर खूबी का एक प्रदर्शन हो गया। बस आप घटनाक्रम को कार के फीचर्स व इसके अंदाज से जोड़ते जाइए। जब आपका यात्रा वृत्तांत जब पूरा होगा तो उसमें से अपने आप इस गाड़ी की संपूर्ण छवि आपके सामने पेश हो चुकी होगी। आइए शुरुआत करते हैं एस क्लास के रिव्यू की बातें हैदराबाद के मेहनवाजी के साथ। हैदराबाद निजाम के शहर के रूप में जाना जाता है।
यहां की संस्कृति व एक दूसरे से मिलने जुलने का अंदाज एकदम जुदा है । अब निमाज नहीं रहे लेकिन निजाम की बनाई वो रियासत यहां कायम है जहां निजाम रहा करते थे। यह फलकनुमा में 32 एकड़ जमीन पर बना हुआ है तथा हैदराबाद के मशहूरर चारमिनार से यह महज 5 किमी की दूरी पर है। इसका निर्माण नवाब वकार उल उमर द्वारा किया गया था जो कि हैदराबाद के नवाब हुआ करते थे। फलकनुमा का मतलब होु गा – “आसमान की तरह” या फिर “आसमान का आइना”। एस क्लास के रिव्यू से पहले इसकी पूरी जानकारी जरूरी है। तो आइए गाड़ी में बैठने से पहले फलकनुमा के बारे में भी जान लीजिए।
फलकनुमा पैलेस का इतिहास
सर बाइकर इस स्थान को अपने निजी निवास के तौर पर तब तक प्रयोग करते थे जब तक कि इसका अधिपत्य उनके पास रहा, बाद में यह पैलेस 1897-98 के लगभग हैदराबाद के निजाम को सौंप दिया गया। फलकनुमा पैलेस के निर्माण में इतनी अधिक लागत आयी कि एक बार तो सर बाइकर को भी अहसास हुआ की वे अपने लक्ष्य से कहीं ज्यादा खर्च कर चुके है। बाद में उनकी बुद्धिमान पत्नी लेडी उल उमरा की चालाकी से उन्होंने यह पैलेस निजाम को उपहार में दे दिया जिसके बदले में उन्हें इस पर खर्च किया हुआ पूरा पैसा मिल गया।
बाद में निजाम नें इस महल को शाही अतिथि गृह की तरह से प्रयोग करना शुरू कर दिया क्यूंकि इससे पूरे शहर का नज़ारा देखने को मिलता था। टेलीफ़ोन तथा इलेक्ट्रीसिटी इस पैलेस में सन 1883 में ओस्लेर के द्वारा शुरू की गयी थी। आंकड़ो के अनुसार इस पैलेस में उपलब्ध स्विच बोर्ड्स भारत के उपलब्ध सबसे बड़े स्विच बोर्ड्स में से एक हैं। सन 2000 तक यह पैलेस निजाम के परिवार की निजी संपत्ति थी तथा सामान्य जनता के लिए आम रूप से खुली नहीं थी।
इस पैलेस में बिलियर्ड्स रूम भी है जिसे कि बोरो और वाट्स ने डिजाईन किया था। इसमें स्थित टेबल अपने आप में अद्भुत है क्यूंकि ऐसी दो टेबल्स का निर्माण किया गया था जिनमें से एक बन्किन्घम पैलेस में हैं तथा दूसरी यहाँ स्थित है।
और फलकनुमा बन गया आलीशान होटल
सन 2000 में ताज होटल नें इस पैलेस को पुनः नवीनीकृत करना शुरू कर दिया। नए बदलावों के साथ इस होटल को नवम्बर 2010 में अतिथियों के लिए खोल दिया गया। इसके कमरों और दीवारों को फ्रांस से मगाए गए ओर्नेट फ़र्नीचर, हाथ के काम किये गए सामानों से तथा ब्रोकेड से सुसज्जित किया गया। इस पैलेस में 101 सीटों वाला भोजन गृह है जिसे कि संसार का सबसे बड़ा डाइनिंग हॉल माना जाता है। साथ ही साथ दरबार हॉल भी है जिसे विश्वस्तरीय शिल्प का प्रयोग करके सुसज्जित किया गया है|
आदाब जनाब
उर्दू का ये अल्फाज किसी मजहब व धर्म से काफी ऊपर उठकर है। शिष्टाचार स्वरूप प्रयोग किए जाने वाला यह शब्द आपको तरंगित कर देता है जब आप एक ऐसे शहर में हों जिसने अपनी पहचान पूरी दुनिया में सिर्फ अपने तहजीब से बनाई हो। रात के लगभग 9 बजे सीधे हैदराबाद एयरपोर्ट से जब मैं यहां पहुंचा तो एक आम आदमी से एक खास आदमी बन चुका था। दो घोड़ों से सजी हुई बग्गी एक एक चालक के साथ मेरा इंतजार कर रही थी।
बहुत सलीखे से आदर के साथ एक बढ़िया दिल को छू लेने वाली मेहमाननवाजी से शुरू हुई मेरी फलकनुमा की यात्रा। बग्गी में बैठकर मैं जब ऊंचाई पर स्थित ताज फलकनुमा में पहुंचा तो वहां पहले से खड़ी एक मोहरतमा ने “आदाब” कहकर मेरा वेलकम कर रही थी। मेरे उतरते ही गुलाब की पंखुड़ियां आसमान से बरसने लगीं और मेरे कदम सीढ़ियों के तरफ बढ़े तो एक द्वारपाल मेरे साथ ठीक वैसे चल रहा जिसे मैंने सिर्फ ऐतिहासिक फिल्मों में देखा था।
ये सब देखकर मुझे हंसी आ गई, तो वहां मौजूद स्वागताधिकारी ने बेहद नम्र अंदाज में पूछा डियर सर इज देयर इज एनीथिंग फनी? मैंने जवाब दिया, नहीं मैम मुझे मजा आ रहा है, बस मैं अगले पल का इंतजार कर रहा हूं कि अब क्या होगा। एक बनावटी मुस्कराहट के साथ उस फीमेल स्वागताधिकारी ने बिना कुछ कहे मेरी बात का जवाब कुछ नहीं दिया। लेकिन सीढ़ी चढ़ने के बाद जैसे मैं हॉल में प्रवेश किया मुझे मेरा दोस्त मिल गया और मेरी नवाबों वाली यात्रा का अंत हो गया। ऊपर से मुझे बस एक सफेद रंग की गाड़ी ढ़ेर सारी रोशनी में नहाई नजर आई, और यही वो खूबसूरत सी दुलहन थी जिसके लिए मेरा इस अंदाज में स्वागत किया गया था।
और इस तरह से मैं एस क्लास तक पहुंच गया। इंडिया में आकर कार कंपनियां कितनी रचनात्मक हो गई हैं इस सच्ची कहानी से आप अंदाजा लगा सकते हैं। इसके बाद जो कुछ एक रात व दूसरे दिन सुबह हुआ उन सबमें शामिल थी मर्सिडीज एस क्लास की लग्जरी व फलकनुमा का आलीशान नवाबी अंदाज। तो आइए इसी मनमोहक अंदाज में आपको करवाते हैं एस क्लास की ड्राइव।
एस क्लास के बारे में
एस क्लास जो आप यहां देख रहे हैं ये महज एक अपडेट है। लेकिन यह ऐसा अपडेट जिसे आप पसंद करेंगे और सराहेंगे। बदलाव के नाम पर आपको इसमें मिल रहा नया ग्रिल, बंपर और लाइटें। ये बदलाव अच्छे हैं पर ऐसे भी नहीं हैं जिससे आप कहने लगें कि ये तो एकदम बदल गई है पिछली एस क्लास की तुलना में। ये एक जरूरी बदलाव था जिसे मर्सिडीज ने किया है। लेकिन हां जब आपकी नजर इसकी खूबसूरती व लग्जरी से हटेगी तो सबसे बड़ा बदलाव आप महसूस कर पाएंगे और बदलाव ऐसा जो इंडस्ट्री में पहली बार किसी कार कंपनी ने किया है।
इस गाड़ी में आपको मिलेगा बीएस6 वाला नया डीजल इंजन। साथ ही आपको ये भी बताते चलें कि इस कार में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम भी दिया गया है जो इसे 50 फीसदी तक इसे ड्राइवर रहित कार भी बनाती है। यानी कि इस गाड़ी में योग्यता है कि आपकी गलतियों को सुधारकर एक्सीडेंट होने से बचा ले।
बदलाव अच्छे हैं
इस एस क्लास को जबसे अलग खड़ा करते हैं वो है इसमें लगा नया हेडलाइट क्लस्टर। इसमें आपको सिंगल डेलाइट रनिंग लाइट, तीन एलईडी स्ट्रिप मिलेगी जिसे मर्सिडीज ट्रिपल टॉर्च डिजाइन से भी संबोधित करती है। इसकी तीन धारियां इसके स्टेटस को बयां करती हैं उदाहरण के तौर पर आपको बता दें कि सी क्लास में कंपनी सिर्फ एक धारी, ई क्लास में दो धारी वाली लाइटें दी हुई हैं। और अब जब यहां पर एस क्लास आई तो इसमें तीन धारियों वाली लाइट है।
इससे एकदम साफ है कि गाड़ी का स्टेटस इसकी लाइटों के स्ट्रिप से समझा जा सकता है। ये हो सकता है मर्सिडीज ने जानबूझकर नहीं किया हो पर संयोग ही कहें पर ऐसा हुआ है। इसके प्रोजक्टर हेडलैंप सुंदर व हाईटेक लगते हैं। मर्सिडीज का दावा है कि इसकी लाइट 650 मीटर तक की दृष्यता देने में सक्षम हैं अगर बात घनघोर अंधेरे की हो।
इसके ग्रिल में काफी बदलाव दिखेंगे इसके वर्टिकल स्ट्रिप को हाई ग्लॉस ब्लैक फिनिश दिया गया है। एक चीज जो आप ध्यान देंगे वो इसका ब्लैक पैनज जो ग्रिल के एकदम केंद्र में दिया गया है। ड्राइविंग को मदद करने वाले कई सेंसर इसके पीछे कंपनी ने काफी सफाई के साथ लगा दिए हैं।
फ्रंट बंपर के नीचे वाले हिस्से में अब एयर इंटेक दिया गया है जिससे यह काफी स्पोर्टी लगने लगी है, जबकि रियर बंपर में क्रोम गार्निश दिया गया है जिस पर दोहरा एग्जॉस्ट बहुत सफाई के साथ लगाया गया है। इसके टेल लैंप पर बेहद शानदार अंदाज में क्रिस्टल इफेक्ट दिया गया है जो इसे अलग अंदाज प्रदान करती है। इसमें दिया गया कमिंग होम फंक्शन दिया गया है जिसमें लाइट ब्लू से व्हाइट में फेड हो जाती है। इसमें लगे 18 इंच के व्हील में 245/50 आर18 टायर दिखते भले छोटे हैं पर ये हैं बहुत ही आकर्षक।
बात इंटीरियर की
1 करोड़ 37 लाख रुपये की कीमत वाली इस कार में कीलेस एंट्री नहीं है। ये बात आपको तब ज्यादा चुभेगी जब आप इतना पैसा खर्च करके एस क्लास खरीद लेंगे। इसकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज की तुलना में यह तकनीकि के मामले में काफी पीछे रह जाती है। इसकी चाभी सफेद रंग की है जबकि मर्सिडीज की ज्यादातर गाड़ियों की चाभियां सिर्फ काले रंग में ही आपने देखी होंगी।
पुरानी एस क्लास की तुलना में इसके इंटीरियर में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं है। मर्सिडीज ने बीएमडब्ल्यू की 7 सीरीज और ऑडी ए8 पर शायद नजर भी नहीं डालने की जरूरत समझी जब वो इसे डिजाइन कर रहे थे। लेकिन इसके बावजूद एस क्लास की केबिन पुराने अंदाज वाली ही सही पर अपने में ढेर सारी लग्जरी समेटे हुए है। इसके रेट्रो वेंट वुड फिनिश के साथ अच्छे लगते हैं। हालांकि इंफोटेनमेंट सिस्टम पूरी तरह से मॉडर्न हैं। इसमें आपको दो बड़े 12.3 इंच के डिस्प्ले के साथ लगाए गए हैं जो बेहद सुंदर हैं। फीचर्स के तौर पर आपको इसमें एपल कार प्ले और एंड्रॉयड ऑटो को पहली बार एस क्लास में इंट्रोड्यूस किया गया है।
इसमें वायरलेस चार्जिंग की भी सुविधा है जो कि सिर्फ बहुत ही महंगे व प्रीमियम मोबाइल फोनों को सपोर्ट करते हैं। इसका स्टीयरिंग व्हील नापा लेदर में लिपटा हुआ है जो कि पूरी तरह से नया है व इस पर आपको ढ़ेर सारे कंट्रोल भी देखने को मिलेंगे। इसमें आपको एंबीएंट लाइटिंग भी मिलेगी जिसमें आपको 64 रंगों में से चुनने का विकल्प मिलेगा। अब बात उसकी जिसके लिए मुझे एस क्लास पसंद है और वो है इसकी पीछे की सीटें। अगर मैं कभी एस क्लास खरीदूंगा तो आपको बता दूं कि मैं इसे चलाने के बजाए पिछली सीट पर बैठना पसंद करूंगा।
इसकी पिछली सीट इलेक्ट्रिकली रिकलाइन होती है। इसमें बैठकर ऐसे लगता है जैसे आप किसी जहाज के बिजनेस क्लास में यात्रा कर रहे हैं। लेकिन आज के जमाने के हिसाब से यह कार तकनीकि के मामले में काफी पिछड़ी नजर आती है। इसकी रिकलाइन सीट का आनंद लेने के लिए पहले आपको लगभग 35 सेकंड तक इसके बटन को उंगली से दबाकर रखना पड़ता है तब पूरा कंफर्ट सीट का कनवर्ट होता है। अगर ये काम सिर्फ एक टच से होता तो ज्यादा अच्छा रहता।
आओ इसे चलाकर देखें
नई एस क्लास एस 350 डी में पूरी तरह से नया डीजल इंजन लगा है जिसकी क्षमता 2987 सीसी की है तथा इसके पेट्रोल इंजन की क्षमता जो कि एस 450 में लगा है वह है 2996 सीसी का। मर्सिडीज का यह बीएस 6 वाला डीजल इंजन बीएस 4 के ईंधन पर काम करता है। इसके 6-सिलिंडर इंजन से 286 एचपी की शक्ति पैदा होती है। कंपनी का दावा है कि नई मर्सिडीज-बेंज एस-क्लास 6 सेकेंड में ही 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड हासिल कर लेती है। वहीं टॉप स्पीड की बात करें तो यह अधिकतम 250 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। जबकि इसका पेट्रोल इंजन 367 एचपी की अधिकतम शक्ति देती है। टर्बोचार्जिंग और इंटरकूलिंग के चलते एस450 में काफी ज़्यादा पावर रिजर्व रहती है। इसमें 500 एनएम टॉर्क बनता है। जबकि 5.1 सेकेंड में ही कार 0 से 100 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ लेती है। इस इंजन का भी टॉप स्पीड 250 किमीप्रघं का है।
हमारी राय
यह कार उनके लिए है जो गाड़ी चलाने के बजाए उसमें बैठना पसंद करते हैं। यह ऑटो उत्साहियों की कार नहीं है। बस आप इसकी पिछली सीट पर बैठकर अपने 1 करोड़ 37 लाख रुपये की कीमत वसूल सकते हैं। इतना पैसा खर्च करने के बाद आपके पास एक बढ़िया अनुभवी ड्राइवर जरूर होना चाहिए। अगर आप कंपटीशन पर जाएंगे तो शायद आपका मन बदल जाए और आप ऑडी ए8 या फिर 7 सीरीज पर अपना मन बना सकते हैं। इसलिए अगर आप मर्सिडीज कारों के दीवाने हैं तो बस दिल की सुनिए और इसे खरीद लीजिए। इसकी लग्जरी कभी आपको निराश नहीं करेगी।