देश की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनियां जहां कॉम्पैक्ट एसयूवी, सिडान और एसयूवी पर फोकस कर रही है वहीं मारुति सुजुकी एंट्री लेवल कारों में अपना गेम मजबूत करने के प्लानिंग में है. मारूति अब दो ऐसी कारों के मॉडल्स तैयार कर रही है जिसकी कीमत 5 लाख रुपए से कम होगी. कंपनी ने ये कदम तब उठाने की सोची है जब नए सेफ्टी नॉर्म्स और एमिशन रेगुलेशन के चलते छोटी कारों का मेन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट बढ़ चुका है. यही वजह है कि ह्युंदै और टाटा मोटर्स जैसी कई कंपनियों ने एंट्री लेवल कारों को बाय-बाय कह दिया है. हालांकि इसकी वजह से मिनी हैचबैक सेगमेंट की कारों में कॉम्पिटिशन में कमी आई है.
मारूति ला रही है 2 कारें
सूत्रों के मुताबिक कंपनी 800cc की एक नई कार के साथ ही, 1 लीटर इंजन वाले एक दूसरे मॉडल को तैयार कर रही है. बताया जा रहा है कि कंपनी इनमे से एक कार को इस साल के आखिर तक लॉन्च कर सकती है. 1 लीटर इंजन वाली कार (कोड नेम-YNC) वाली कॉम्पैक्ट कार सेलेरियो की जगह ले सकती है. वहीं नई 800cc कार का कोड नेम Y0M रखा गया है. इसे साल 2021 में भारतीय बाजार में उतारा जाएगा.
10% बढ़ी मिनी कारों की लागत
कंपनी के मुताबिक नए नॉर्म्स और रेग्यूलेशन की वजह से मेन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट करीब 10 फीसदी तक बढ़ गयी है. कंपनी इसके बावजूद कम लागत में अपने ग्राहकों को बेहतर कार उपलब्ध कराने की दिशा में नए विकल्प की तलाश कर रही है.
कॉम्पैक्ट कारें, छोटे शहरों-कस्बों की पहली पसंद
एक रिपोर्ट के मुताबिक बीते सालों में मिनी कार्स का मार्केट सिमटा है. साल 2010 में ऑटोमोबाइल मार्केट में कारों की हिस्सेदारी 25 फीसदी थी जो 10 साल बाद घटकर 8 फीसदी रह गयी है. लेकिन मारूति को भरोसा है कि टू-व्हीकल से 4 व्हीलर गाड़ियों पर शिफ्ट होने वाले लोगों की पहली पसंद अब भी छोटी कारें ही है. खास तौर पर छोटे शहरों में अब भी मिनी कारों का मार्केट काफी मजबूत है. इस लिहाज से मारूति का मानना है कि ये फैसला ऑटो मार्केट में उसकी पकड़ मजबूत करेगा. कंपनी का कहना है कि आने वाले 2-3 सालों में कंपनी 5 लाख रुपये से कम कीमत वाली 50 लाख कारों का उत्पादन करेगी. इसमें ज्यादातर कारें नई मॉडल की होंगी.