ग्लोबल वार्मिंग की गंभीर चुनौती से गुजर रही पूरी दुनिया में सबकी नजरें अब इलेक्ट्रिक वाहनों पर है। अब तक इसमें सबसे ज्यादा सफलता हाथ लगी है चीन को। यही वजह है कि भारत में आयोजित 8वें ईवी एक्सपो में चीन का काफी दबदबा दिख रहा है। हालांकि इस एक्सपो में भी निर्माताओं के चेहरे पर पहले की ही तरह लिथियम ऑयन बैट्री की चिंता की लकीरें साफ झलक रही हैं। अभी भारत में इस बैट्री को आयात करके लाया जाता है। यहां पर प्रदर्शनी में अपने स्टॉल के साथ उत्पादों के कांसेप्ट को दिखा रहे निर्माताओं ने खुले तौर पर महिंद्रा के इलेक्ट्रिक वर्ल्ड की दुनिया में बढ़ते कदम की तारीफ की। साथ ही निर्माताओं ने इस बात की उम्मीद भी जताई कि जल्द ही भारत में लिथियम ऑयन बैट्रियों का निर्माण शुरू होगा व इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत नीचे आएगी। इस तीन दिवसीय एक्सपो का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने हॉल नंबर 7 में किया।
आठवें ईवी एक्सपो में 150 से भी ज्यादा कंपनियां ले रही हैं हिस्सा, कांसेप्ट वाहनों का दिख रहा है जलवा, इलेक्ट्रिक साइकलें भी आईं नजर
एक्सपो का को शुरू करते हुए नितिन गडकरी ने कहा “आप ने पिछले एक साल में इस देश में इलेक्ट्रिक-मोबिलिटी में तीव्र बदलाव महसूस किया होगा – इलेक्ट्रिक वाहनों से होकर अब भविष्य को संवारा जा सकता है। इलेक्ट्रिक -रिक्शा आज देश के कोने कोने मैं मौजूद है और अब इ-बाइक्स , इ-ऑटोस और इ-बसेस भी आ रही हैं । यस इस देश की जरूरत भी है क्योंकि हमे पास पर्याप्त बिजली है बहुत कोयला है और सोलर एनर्जी भी है । क्रूड तेल का आयात हमारे फॉरेन एक्सचेंज को कम कर रहा है इसलिए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही है जो की क्रूड आयल आयात का विकल्प है, किफायती है और प्रदुषण रहित है। इथेनॉल और बायो-फ्यूल को भी बढ़ावा मिल रहा है। मैं इस देश में इ-रिक्शा लेकर आया ताकि लाखों गरीब जो की साइकिल रिक्शा या हाथ गाडी में सवारी धोते हैं, उन्हें इस अमानवीय काम से मुक्ति मिले। आज उन्हें नयी स्वाधीनता, नयी उम्मीद और तरक्की मिली है इलेक्ट्रिक -वाहनों के आने से , नयी टेक्नोलॉजी से-इसे मैं अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हूँ ।
साथ ही मैं इ-रिक्शा बनाने वाले उद्यमियों को कहना चाहता कि वो अपने वाहनों की क्वालिटि पर ध्यान दें और अच्छे उत्पाद बनायें । बेकार क्वालिटि के प्रोडक्ट से ना केवल इंडस्ट्री का नाम ख़राब होता है, गरीब लोगों का भी नुक्सान होता है बल्कि बड़ी कंपनियों के इस क्षेत्र मैं आने से उनके घटिया प्रोडक्ट्स का भी सफाया हो सकता है । सरकार कोई कड़े मानक ले कर आये जिसे छोटे उद्यमियों को कठिनाई आये इस से बेहतर है की वो खुद इस अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता पर ध्यान दें ।”
प्रगति मैदान के हॉल नं 7 में 110,000 वर्ग फुट में फैली, यह भारत की सबसे बढ़ी इलेक्ट्रिक वाहन प्रदर्शनी है और इको—फ्रैंडली 2,3,4 पहिए वाले इलेक्ट्रिक व्हिकल, पुर्जे, अंश और सामान, आर एंड डी, चार्जिंग स्टेशनस तथा इस क्षेत्र से संबंधित उत्पाद और सेवाओं में नए तकनीकी बदलाव और उन्नति को प्रस्तुत कर रही है। 150 से अधिक राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय ई-वहिक्ल कम्पनियां इस एक्सपो में अपने प्रदूषण रहित नवीनतम ई -वाहन , लिथियम आयन बैटरीज और नवीनतम चार्जिंग सोलूशन्स भी प्रदर्शित कर रही हैं।