हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (HMIF) ने गुरुग्राम में पहले ट्रैफिक इंजीनियरिंग सेंटर और संगठन विकास केंद्र का उद्घाटन किया। यह कदम हुंडई की “ईजी रोड्स” पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ट्रैफिक प्रबंधन और सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाना है। यह केंद्र डीसीपी कार्यालय, गुरुग्राम में स्थित है और अत्याधुनिक तकनीक से लैस है।
1,100 कैमरों की निगरानी एक स्थान से
यह ट्रैफिक इंजीनियरिंग सेंटर 218 जंक्शनों पर लगे 1,100 ट्रैफिक कैमरों से केंद्रीयकृत लाइव एक्सेस प्रदान करता है। इसका उद्देश्य ट्रैफिक की निगरानी को बेहतर बनाना और त्वरित कार्रवाई के लिए प्रतिक्रिया समय को कम करना है। इस तकनीकी सुविधा के माध्यम से अधिकारियों को दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण करने, दोषों का पता लगाने और सुधार के लिए सिफारिशें साझा करने में मदद मिलेगी।
संगठन विकास केंद्र – पुलिस प्रशिक्षण का नया हब
साथ ही, इस केंद्र में एक संगठन विकास केंद्र भी स्थापित किया गया है, जो ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को बेहतर और प्रभावी ट्रैफिक प्रबंधन के लिए प्रशिक्षण देगा। इस पहल का उद्देश्य सड़क पर सुरक्षा के स्तर को बढ़ाना और दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाना है।
हुंडई के प्रबंध निदेशक ने की घोषणा
इस उद्घाटन समारोह में, श्री उनसू किम, प्रबंध निदेशक – हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने कहा, “हमारी ‘ईजी रोड्स’ पहल के तहत, हम सड़क सुरक्षा में सुधार लाने के लिए कटिंग-एज तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। गुरुग्राम में पहले ट्रैफिक इंजीनियरिंग सेंटर के उद्घाटन के साथ, हम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने, ड्राइवर व्यवहार में सुधार और शहर में परिवहन प्रणाली को अधिक सुरक्षित और कुशल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे विश्वास है कि यह केंद्र एक मॉडल सुविधा बनेगा, जिसे देशभर में लागू किया जा सकता है।”
मुख्य विशेषताएँ
- केंद्रीकृत लाइव एक्सेस: ट्रैफिक पुलिस 1,100 कैमरों को एक ही स्थान से निगरानी कर सकते हैं और 25 कैमरों की लाइव फीड एक साथ देख सकते हैं, जिससे त्वरित कार्रवाई और बेहतर प्रतिक्रिया समय सुनिश्चित होता है।
- विशेषीकृत प्रशिक्षण कार्यक्रम: ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को सड़क सुरक्षा और दुर्घटना प्रबंधन पर समर्पित प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
- सहयोगात्मक प्रयास: यह केंद्र हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन और हरियाणा पुलिस के सहयोग से संचालित होगा, जिसमें रोड ट्रैफिक एजुकेशन संस्थान और टीएसएल फाउंडेशन से विशेषज्ञ समर्थन प्राप्त होगा।
यह केंद्र सड़क सुरक्षा के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं—शिक्षा, इंजीनियरिंग और प्रवर्तन—पर जोर देते हुए गुरुग्राम में एक मॉडल के रूप में कार्य करेगा। इसे दूसरे शहरों और राज्यों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे पूरे देश में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सके।
आखिरकार, यह पहल न केवल गुरुग्राम में सड़क सुरक्षा में सुधार लाएगी, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगी।